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Sunday, 24 May 2015
हिंदी में गिनती - Counting in Hindi
१ | एक | Ek | 1 | One | वन |
२ | दो | Do | 2 | Two | टू |
३ | तीन | Teen | 3 | Three | थ्री |
४ | चार | Char | 4 | Four | फोर |
५ | पांच | Panch | 5 | Five | फाइव |
६ | छ: | Chah | 6 | Six | सिक्स |
७ | सात | Saat | 7 | Seven | सेवेन |
८ | आठ | Aath | 8 | Eight | एट |
९ | नो | No | 9 | Nine | नाइन |
१० | दस | Dus | 10 | Ten | टेन |
११ | ग्यारह | Gyarah | 11 | Eleven | इलेवन |
१२ | बारह | Barah | 12 | Twelve | ट्वेल्व |
१३ | तेरह | Terah | 13 | Thirteen | थर्टीन |
१४ | चोदह | Chodah | 14 | Fourteen | फोर्टीन |
१५ | पंद्रह | Pandrah | 15 | Fifteen | फिफ्टीन |
१६ | सोलह | Solah | 16 | Sixteen | सिक्सटीन |
१७ | सत्रह | Satrah | 17 | Seventeen | सेवेनटीन |
१८ | अठारह | Atharah | 18 | Eighteen | एटीन |
१९ | उन्नीस | Unnees | 19 | Nineteen | नाइनटीन |
२० | बीस | Bees | 20 | Twenty | ट्वेंटी |
२१ | इक्कीस | 21 | Twenty One | ट्वेंटी वन | |
२२ | बावीस | 22 | Twenty Two | ट्वेंटी टू | |
२३ | तेईस | 23 | Twenty Three | ट्वेंटी थ्री | |
२४ | चौबीस | 24 | Twenty Four | ट्वेंटी फोर | |
२५ | पच्चीस | 25 | Twenty Five | ट्वेंटी फाइव | |
२६ | छब्बीस | 26 | Twenty Six | ट्वेंटी सिक्स | |
२७ | सताईस | 27 | Twenty Seven | ट्वेंटी सेवेन | |
२८ | अठाइस | 28 | Twenty Eight | ट्वेंटी एट | |
२९ | उन्तीस | 29 | Twenty Nine | ट्वेंटी नाइन | |
३० | तीस | 30 | Thirty | थर्टी | |
३१ | इकतीस | 31 | Thirty One | थर्टी वन | |
३२ | बतीस | 32 | Thirty Two | थर्टी टू | |
३३ | तैतीस | 33 | Thirty Three | थर्टी थ्री | |
३४ | 34 | Thirty Four | थर्टी फोर | ||
३५ | 35 | Thirty Five | थर्टी फाइव | ||
३६ | 36 | Thirty Six | थर्टी सिक्स | ||
३७ | 37 | Thirty Seven | थर्टी सेवेन | ||
३८ | 38 | Thirty Eight | थर्टी एट | ||
३९ | 39 | Thirty Nine | थर्टी नाइन | ||
४० | चालीस | 40 | Forty | फोर्टी | |
४१ | 41 | Forty One | फोर्टी वन | ||
४२ | 42 | Forty Two | फोर्टी टू | ||
४३ | 43 | Forty Three | फोर्टी थ्री | ||
४४ | 44 | Forty Four | फोर्टी फोर | ||
४५ | 45 | Forty Five | फोर्टी फाइव | ||
४६ | 46 | Forty Six | फोर्टी सिक्स | ||
४७ | 47 | Forty Seven | फोर्टी सेवेन | ||
४८ | 48 | Forty Eight | फोर्टी एट | ||
४९ | 49 | Forty Nine | फोर्टी नाइन | ||
५० | पचास | 50 | Fifty | फिफ्टी | |
५१ | 51 | Fifty One | फिफ्टी वन | ||
५२ | 52 | Fifty Two | फिफ्टी टू | ||
५३ | 53 | Fifty Three | फिफ्टी थ्री | ||
५४ | 54 | Fifty Four | फिफ्टी फोर | ||
५५ | 55 | Fifty Five | फिफ्टी फाइव | ||
५६ | 56 | Fifty Six | फिफ्टी सिक्स | ||
५७ | 57 | Fifty Seven | फिफ्टी सेवेन | ||
५८ | 58 | Fifty Eight | फिफ्टी एट | ||
५९ | 59 | Fifty Nine | फिफ्टी नाइन | ||
६० | साठ | 60 | Sixty | सिक्सटी | |
६१ | 61 | Sixty One | सिक्सटी वन | ||
६२ | 62 | Sixty Two | सिक्सटी टू | ||
६३ | 63 | Sixty Three | सिक्सटी थ्री | ||
६४ | 64 | Sixty Four | सिक्सटी फोर | ||
६५ | 65 | Sixty Five | सिक्सटी फाइव | ||
६६ | 66 | Sixty Six | सिक्सटी सिक्स | ||
६७ | 67 | Sixty Seven | सिक्सटी सेवेन | ||
६८ | 68 | Sixty Eight | सिक्सटी एट | ||
६९ | 69 | Sixty Nine | सिक्सटी नाइन | ||
७० | सत्तर | 70 | Seventy | सेवेनटी | |
७१ | 71 | Seventy One | सेवेनटी वन | ||
७२ | 72 | Seventy Two | सेवेनटी टू | ||
७३ | 73 | Seventy Three | सेवेनटी थ्री | ||
७४ | 74 | Seventy Four | सेवेनटी फोर | ||
७५ | 75 | Seventy Five | सेवेनटी फाइव | ||
७६ | 76 | Seventy Six | सेवेनटी सिक्स | ||
७७ | 77 | Seventy Seven | सेवेनटी सेवेन | ||
७८ | 78 | Seventy Eight | सेवेनटी एट | ||
७९ | 79 | Seventy Nine | सेवेनटी नाइन | ||
८० | अस्सी | 80 | Eighty | एटी | |
८१ | 81 | Eighty One | एटी वन | ||
८२ | 82 | Eighty Two | एटी टू | ||
८३ | 83 | Eighty Three | एटी थ्री | ||
८४ | 84 | Eighty Four | एटी फोर | ||
८५ | 85 | Eighty Five | एटी फाइव | ||
८६ | 86 | Eighty Six | एटी सिक्स | ||
८७ | 87 | Eighty Seven | एटी सेवेन | ||
८८ | 88 | Eighty Eight | एटी एट | ||
८९ | 89 | Eighty Nine | एटी नाइन | ||
९० | नब्बे | 90 | Ninty | नाइनटी | |
९१ | 91 | Ninty One | नाइनटी वन | ||
९२ | 92 | Ninty Two | नाइनटी टू | ||
९३ | 93 | Ninty Three | नाइनटी थ्री | ||
९४ | 94 | Ninty Four | नाइनटी फोर | ||
९५ | 95 | Ninty Five | नाइनटी फाइव | ||
९६ | 96 | Ninty Six | नाइनटी सिक्स | ||
९७ | 97 | Ninty Seven | नाइनटी सेवेन | ||
९८ | 98 | Ninty Eight | नाइनटी एट | ||
९९ | 99 | Ninty Nine | नाइनटी नाइन | ||
१०० | सौ | 100 | Hundred | हंड्रेड |
हिंदी की प्रमुख लोकोक्तियाँ - Hindi Proverbs
लोकोक्ति का अर्थ है, लोक की उक्ति अर्थात जन–कथन। लोकोक्तियाँ अथवा कहावतेँ लोक–जीवन की किसी घटना या अन्तर्कथा से जुड़ी रहती हैँ। इनका जन्म लोक–जीवन मेँ ही होता है। प्रत्येक लोकोक्ति समाज मेँ प्रचलित होने से पूर्व मेँ अनेक बार लोगोँ के अनुभव की कसौटी पर कसी गई है और सभी लोगोँ के अनुभव उस लोकोक्ति के साथ एक से रहे हैँ, तब वह कथन सर्वमान्य रूप से हमारे सामने है। लोकोक्तियाँ दिखने मेँ छोटी लगती हैँ, परन्तु उनमेँ अधिक भाव रहता है। लोकोक्तियोँ के प्रयोग से रचना मेँ भावगत विशेषता आ जाती है।
मुहावरे एवं लोकोक्ति मेँ अन्तर
मुहावरा वाक्यांश होता है तथा इसके अन्त मेँ ‘होना’, ‘जाना’, ‘देना’, ‘करना’ आदि क्रिया का मूल रूप रहता है, जिसका वाक्य मेँ प्रयोग करते समय लिँग, वचन, काल, कारक आदि के अनुसार रूप बदल जाता है। जबकि लोकोक्ति अपने आप मेँ पूर्ण वाक्य होती है और प्रयोग स्वतन्त्र वाक्य की तरह ज्योँ का त्योँ होता है|
1. अपनी करनी पार उतरनी = जैसा करना वैसा भरना
2. आधा तीतर आधा बटेर = बेतुका मेल
3. अधजल गगरी छलकत जाए = थोड़ी विद्या या थोड़े धन को पाकर वाचाल हो जाना
4. अंधों में काना राजा = अज्ञानियों में अल्पज्ञ की मान्यता होना
5. अपनी अपनी ढफली अपना अपना राग = अलग अलग विचार होना
6. अक्ल बड़ी या भैंस = शारीरिक शक्ति की तुलना में बौद्धिक शक्ति की श्रेष्ठता होना
7. आम के आम गुठलियों के दाम = दोहरा लाभ होना
8. अपने मुहं मियाँ मिट्ठू बनना = स्वयं की प्रशंसा करना
9. आँख का अँधा गाँठ का पूरा = धनी मूर्ख
10. अंधेर नगरी चौपट राजा = मूर्ख के राजा के राज्य में अन्याय होना
11. आ बैल मुझे मार = जान बूझकर लड़ाई मोल लेना
12. आगे नाथ न पीछे पगहा = पूर्ण रूप से आज़ाद होना
13. अपना हाथ जगन्नाथ = अपना किया हुआ काम लाभदायक होता है
14. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत = पहले सावधानी न बरतना और बाद में पछताना
15. आगे कुआँ पीछे खाई = सभी और से विपत्ति आना
16. ऊंची दूकान फीका पकवान = मात्र दिखावा
17. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे = अपना दोष दूसरे के सर लगाना
18. उंगली पकड़कर पहुंचा पकड़ना = धीरे धीरे साहस बढ़ जाना
19. उलटे बांस बरेली को = विपरीत कार्य करना
20. उतर गयी लोई क्या करेगा कोई = इज्ज़त जाने पर डरकैसा
21. ऊधौ का लेना न माधो का देना = किसी से कोई सम्बन्ध न रखना
22. ऊँट की चोरी निहुरे - निहुरे = बड़ा काम लुक - छिप कर नहीं होता
23. एक पंथ दो काज = एक काम से दूसरा काम
24. एक थैली के चट्टे बट्टे = समान प्रकृति वाले
25. एक म्यान में दो तलवार = एक स्थान पर दो समान गुणों या शक्ति वाले व्यक्ति साथ नहीं रहसकते
26. एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है = एक खराब व्यक्ति सारे समाज को बदनाम कर देता है
27. एक हाथ से ताली नहीं बजती = झगड़ा दोनों और से होता है
28. एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा = दुष्ट व्यक्ति में और भी दुष्टता का समावेश होना
29. एक अनार सौ बीमार = कम वस्तु , चाहने वाले अधिक
30. एक बूढ़े बैल को कौन बाँध भुसदेय = अकर्मण्य को कोई भी नहीं रखना चाहता
31. ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरना = जान बूझकर प्राणों की संकट में डालने वाले प्राणों की चिंता नहीं करते
32. अंगूर खट्टे हैं = वस्तु न मिलने पर उसमें दोष निकालना
33. कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली = बेमेल एकीकरण
34. काला अक्षर भैंस बराबर = अनपढ़ व्यक्ति
35. कोयले की दलाली में मुहं काला = बुरे काम से बुराई मिलना
36. काम का न काज का दुश्मन अनाज का =बिना काम किये बैठे बैठे खाना
37. काठ की हंडिया बार बार नहीं चढ़ती= कपटी व्यवहार हमेशा नहीं किया जा सकता
38. का बरखा जब कृषि सुखाने = काम बिगड़ने पर सहायता व्यर्थ होती है
39. कभी नाव गाड़ीपर कभी गाड़ी नाव पर = समय पड़ने पर एक दुसरे की मदद करना
40. खोदा पहाड़ निकली चुहिया = कठिन परिश्रम कातुच्छ परिणाम
41. खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे = अपनी शर्म छिपाने के लिए व्यर्थ का काम करना
42. खग जाने खग की ही भाषा = समान प्रवृति वाले लोग एक दुसरे को समझ पाते हैं
43. गंजेड़ी यार किसके, दम लगाई खिसके = स्वार्थ साधने के बाद साथ छोड़ देते हैं
44. गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज = ढोंग रचना
45. घर की मुर्गी दाल बराबर = अपनी वस्तु का कोई महत्व नहीं
46. घर का भेदी लंका ढावे = घर का शत्रु अधिक खतरनाक होता है
47. घर खीर तो बाहर भी खीर = अपना घर संपन्न हो तो बाहर भी सम्मान मिलता है
48. चिराग तले अँधेरा = अपना दोष स्वयं दिखाई नहीं देता
49. चोर की दाढ़ीमें तिनका = अपराधी व्यक्ति सदा सशंकित रहता है
50. चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए = कंजूस होना
51. चोर चोर मौसेरे भाई = एक से स्वभाव वाले व्यक्ति
52. जल में रहकर मगर से बैर = स्वामी से शत्रुता नहीं करनी चाहिए
53. जाके पाँव न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई = भुक्तभोगी ही दूसरों का दुःख जान पाताहै
54. थोथा चना बाजे घना = ओछा आदमी अपने महत्व का अधिक प्रदर्शन करता है
55. छाती पर मूंग दलना = कोई ऐसा काम होना जिससे आपको और दूसरों को कष्ट पहुंचे
56. दाल भात में मूसलचंद = व्यर्थ में दखल देना
57. धोबी का कुत्ता घर का न घाट का = कहीं का न रहना
58. नेकी और पूछ पूछ = बिना कहे ही भलाई करना
59. नीम हकीम खतरा एजान = थोडा ज्ञान खतरनाक होता है
60. दूध का दूध पानी का पानी = ठीक ठीक न्याय करना
61. बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद = गुणहीन गुण को नहीं पहचानता
62. पर उपदेश कुशल बहुतेरे = दूसरों को उपदेश देना सरल है
63. नामबड़े और दर्शन छोटे = प्रसिद्धि के अनुरूप गुण न होना
64. भागते भूत की लंगोटी सही = जो मिल जाए वहीकाफी है
65. मान न मान मैं तेरा मेहमान = जबरदस्ती गले पड़ना
66. सर मुंडाते ही ओले पड़ना = कार्य प्रारंभहोते ही विघ्न आना
67. हाथ कंगन को आरसी क्या = प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या जरूरत है
68. होनहार बिरवान के होत चिकने पात = होनहार व्यक्ति का बचपन में ही पता चल जाता है
69. बद अच्छा बदनाम बुरा = बदनामी बुरी चीज़ है
70. मन चंगा तो कठौती में गंगा = शुद्ध मन से भगवानप्राप्त होते हैं
71. आँख का अँधा, नाम नैनसुख = नाम के विपरीत गुण होना
72. ईश्वर की माया, कहीं धूपकहीं छाया = संसार में कहीं सुख है तो कहीं दुःख है
73. उतावला सो बावला = मूर्ख व्यक्ति जल्दबाजी में काम करते हैं
74. ऊसर बरसे तृन नहिं जाए = मूर्ख पर उपदेश का प्रभाव नहीं पड़ता
75. ओछे की प्रीतिबालू की भीति = ओछे व्यक्ति से मित्रता टिकती नहीं है
76. कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा = सिद्धांतहीन गठबंधन
77. कानी के ब्याह में सौ जोखिम = कमी होने पर अनेक बाधाएं आती हैं
78. को उन्तप होब ध्यहिंका हानी = परिवर्तन का प्रभाव न पड़ना
79. खाल उठाए सिंह की स्यार सिंह नहिं होय = बाहरी रूप बदलने से गुण नहीं बदलते
80. गागर में सागर भरना = कम शब्दों में अधिक बात करना
81. घर में नहीं दाने , अम्मा चली भुनाने = सामर्थ्य से बाहर कार्य करना
82. चौबे गए छब्बे बनने दुबे बनकर आ गए = लाभ के बदले हानि
83. चन्दन विष व्याप्त नहीं लिपटे रहत भुजंग = सज्जन पर कुसंग का प्रभाव नहीं पड़ता
84. जैसे नागनाथ वैसे सांपनाथ = दुष्टों की प्रवृति एक जैसी होना
85. डेढ़ पाव आटा पुल पै रसोई = थोड़ी सम्पत्ति पर भारी दिखावा
86. तन पर नहीं लत्ता पान खाए अलबत्ता = झूठी रईसी दिखाना
87. पराधीन सपनेहुंसुख नाहीं = पराधीनता में सुख नहीं है
88. प्रभुता पाहि काहि मद नहीं = अधिकार पाकर व्यक्ति घमंडी हो जाता है
89. मेंढकी को जुकाम = अपनी औकात से ज्यादा नखरे
90. शौक़ीन बुढिया चटाई का लहंगा = विचित्र शौक
91. सूरदास खलकारी का या चिदै न दूजो रंग = दुष्ट अपनी दुष्टता नहीं छोड़ता
92. तिरिया तेल हमीर हठ चढ़े न दूजी बार = दृढ प्रतिज्ञ लोग अपनी बात पे डटे रहते हैं
93. सौ सुनार की, एक लुहार की = निर्बल की सौ चोटों की तुलना में बलवान की एक चोट काफी है
94. भई गति सांप छछूंदर केरी = असमंजस की स्थिति में पड़ना
95. पुचकारा कुत्त सिर चढ़े = ओछे लोग मुहं लगाने पर अनुचित लाभ उठाते हैं
96. मुहं में राम बगल में छुरी = कपटपूर्ण व्यवहार
97. जंगल में मोर नाचा किसने देखा = गुण की कदर गुणवानों के बीच ही होती है
98. चट मंगनी पट ब्याह = शुभ कार्य तुरंत संपन्न कर देना चाहिए
99. ऊंट बिलाई लै गई तौ हाँजी-हाँजी कहना = शक्तिशाली की अनुचित बात का समर्थन करना
100. तीन लोक से मथुरा न्यारी = सबसे अलग रहना
मुहावरे एवं लोकोक्ति मेँ अन्तर
मुहावरा वाक्यांश होता है तथा इसके अन्त मेँ ‘होना’, ‘जाना’, ‘देना’, ‘करना’ आदि क्रिया का मूल रूप रहता है, जिसका वाक्य मेँ प्रयोग करते समय लिँग, वचन, काल, कारक आदि के अनुसार रूप बदल जाता है। जबकि लोकोक्ति अपने आप मेँ पूर्ण वाक्य होती है और प्रयोग स्वतन्त्र वाक्य की तरह ज्योँ का त्योँ होता है|
1. अपनी करनी पार उतरनी = जैसा करना वैसा भरना
2. आधा तीतर आधा बटेर = बेतुका मेल
3. अधजल गगरी छलकत जाए = थोड़ी विद्या या थोड़े धन को पाकर वाचाल हो जाना
4. अंधों में काना राजा = अज्ञानियों में अल्पज्ञ की मान्यता होना
5. अपनी अपनी ढफली अपना अपना राग = अलग अलग विचार होना
6. अक्ल बड़ी या भैंस = शारीरिक शक्ति की तुलना में बौद्धिक शक्ति की श्रेष्ठता होना
7. आम के आम गुठलियों के दाम = दोहरा लाभ होना
8. अपने मुहं मियाँ मिट्ठू बनना = स्वयं की प्रशंसा करना
9. आँख का अँधा गाँठ का पूरा = धनी मूर्ख
10. अंधेर नगरी चौपट राजा = मूर्ख के राजा के राज्य में अन्याय होना
11. आ बैल मुझे मार = जान बूझकर लड़ाई मोल लेना
12. आगे नाथ न पीछे पगहा = पूर्ण रूप से आज़ाद होना
13. अपना हाथ जगन्नाथ = अपना किया हुआ काम लाभदायक होता है
14. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत = पहले सावधानी न बरतना और बाद में पछताना
15. आगे कुआँ पीछे खाई = सभी और से विपत्ति आना
16. ऊंची दूकान फीका पकवान = मात्र दिखावा
17. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे = अपना दोष दूसरे के सर लगाना
18. उंगली पकड़कर पहुंचा पकड़ना = धीरे धीरे साहस बढ़ जाना
19. उलटे बांस बरेली को = विपरीत कार्य करना
20. उतर गयी लोई क्या करेगा कोई = इज्ज़त जाने पर डरकैसा
21. ऊधौ का लेना न माधो का देना = किसी से कोई सम्बन्ध न रखना
22. ऊँट की चोरी निहुरे - निहुरे = बड़ा काम लुक - छिप कर नहीं होता
23. एक पंथ दो काज = एक काम से दूसरा काम
24. एक थैली के चट्टे बट्टे = समान प्रकृति वाले
25. एक म्यान में दो तलवार = एक स्थान पर दो समान गुणों या शक्ति वाले व्यक्ति साथ नहीं रहसकते
26. एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है = एक खराब व्यक्ति सारे समाज को बदनाम कर देता है
27. एक हाथ से ताली नहीं बजती = झगड़ा दोनों और से होता है
28. एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा = दुष्ट व्यक्ति में और भी दुष्टता का समावेश होना
29. एक अनार सौ बीमार = कम वस्तु , चाहने वाले अधिक
30. एक बूढ़े बैल को कौन बाँध भुसदेय = अकर्मण्य को कोई भी नहीं रखना चाहता
31. ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरना = जान बूझकर प्राणों की संकट में डालने वाले प्राणों की चिंता नहीं करते
32. अंगूर खट्टे हैं = वस्तु न मिलने पर उसमें दोष निकालना
33. कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली = बेमेल एकीकरण
34. काला अक्षर भैंस बराबर = अनपढ़ व्यक्ति
35. कोयले की दलाली में मुहं काला = बुरे काम से बुराई मिलना
36. काम का न काज का दुश्मन अनाज का =बिना काम किये बैठे बैठे खाना
37. काठ की हंडिया बार बार नहीं चढ़ती= कपटी व्यवहार हमेशा नहीं किया जा सकता
38. का बरखा जब कृषि सुखाने = काम बिगड़ने पर सहायता व्यर्थ होती है
39. कभी नाव गाड़ीपर कभी गाड़ी नाव पर = समय पड़ने पर एक दुसरे की मदद करना
40. खोदा पहाड़ निकली चुहिया = कठिन परिश्रम कातुच्छ परिणाम
41. खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे = अपनी शर्म छिपाने के लिए व्यर्थ का काम करना
42. खग जाने खग की ही भाषा = समान प्रवृति वाले लोग एक दुसरे को समझ पाते हैं
43. गंजेड़ी यार किसके, दम लगाई खिसके = स्वार्थ साधने के बाद साथ छोड़ देते हैं
44. गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज = ढोंग रचना
45. घर की मुर्गी दाल बराबर = अपनी वस्तु का कोई महत्व नहीं
46. घर का भेदी लंका ढावे = घर का शत्रु अधिक खतरनाक होता है
47. घर खीर तो बाहर भी खीर = अपना घर संपन्न हो तो बाहर भी सम्मान मिलता है
48. चिराग तले अँधेरा = अपना दोष स्वयं दिखाई नहीं देता
49. चोर की दाढ़ीमें तिनका = अपराधी व्यक्ति सदा सशंकित रहता है
50. चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए = कंजूस होना
51. चोर चोर मौसेरे भाई = एक से स्वभाव वाले व्यक्ति
52. जल में रहकर मगर से बैर = स्वामी से शत्रुता नहीं करनी चाहिए
53. जाके पाँव न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई = भुक्तभोगी ही दूसरों का दुःख जान पाताहै
54. थोथा चना बाजे घना = ओछा आदमी अपने महत्व का अधिक प्रदर्शन करता है
55. छाती पर मूंग दलना = कोई ऐसा काम होना जिससे आपको और दूसरों को कष्ट पहुंचे
56. दाल भात में मूसलचंद = व्यर्थ में दखल देना
57. धोबी का कुत्ता घर का न घाट का = कहीं का न रहना
58. नेकी और पूछ पूछ = बिना कहे ही भलाई करना
59. नीम हकीम खतरा एजान = थोडा ज्ञान खतरनाक होता है
60. दूध का दूध पानी का पानी = ठीक ठीक न्याय करना
61. बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद = गुणहीन गुण को नहीं पहचानता
62. पर उपदेश कुशल बहुतेरे = दूसरों को उपदेश देना सरल है
63. नामबड़े और दर्शन छोटे = प्रसिद्धि के अनुरूप गुण न होना
64. भागते भूत की लंगोटी सही = जो मिल जाए वहीकाफी है
65. मान न मान मैं तेरा मेहमान = जबरदस्ती गले पड़ना
66. सर मुंडाते ही ओले पड़ना = कार्य प्रारंभहोते ही विघ्न आना
67. हाथ कंगन को आरसी क्या = प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या जरूरत है
68. होनहार बिरवान के होत चिकने पात = होनहार व्यक्ति का बचपन में ही पता चल जाता है
69. बद अच्छा बदनाम बुरा = बदनामी बुरी चीज़ है
70. मन चंगा तो कठौती में गंगा = शुद्ध मन से भगवानप्राप्त होते हैं
71. आँख का अँधा, नाम नैनसुख = नाम के विपरीत गुण होना
72. ईश्वर की माया, कहीं धूपकहीं छाया = संसार में कहीं सुख है तो कहीं दुःख है
73. उतावला सो बावला = मूर्ख व्यक्ति जल्दबाजी में काम करते हैं
74. ऊसर बरसे तृन नहिं जाए = मूर्ख पर उपदेश का प्रभाव नहीं पड़ता
75. ओछे की प्रीतिबालू की भीति = ओछे व्यक्ति से मित्रता टिकती नहीं है
76. कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा = सिद्धांतहीन गठबंधन
77. कानी के ब्याह में सौ जोखिम = कमी होने पर अनेक बाधाएं आती हैं
78. को उन्तप होब ध्यहिंका हानी = परिवर्तन का प्रभाव न पड़ना
79. खाल उठाए सिंह की स्यार सिंह नहिं होय = बाहरी रूप बदलने से गुण नहीं बदलते
80. गागर में सागर भरना = कम शब्दों में अधिक बात करना
81. घर में नहीं दाने , अम्मा चली भुनाने = सामर्थ्य से बाहर कार्य करना
82. चौबे गए छब्बे बनने दुबे बनकर आ गए = लाभ के बदले हानि
83. चन्दन विष व्याप्त नहीं लिपटे रहत भुजंग = सज्जन पर कुसंग का प्रभाव नहीं पड़ता
84. जैसे नागनाथ वैसे सांपनाथ = दुष्टों की प्रवृति एक जैसी होना
85. डेढ़ पाव आटा पुल पै रसोई = थोड़ी सम्पत्ति पर भारी दिखावा
86. तन पर नहीं लत्ता पान खाए अलबत्ता = झूठी रईसी दिखाना
87. पराधीन सपनेहुंसुख नाहीं = पराधीनता में सुख नहीं है
88. प्रभुता पाहि काहि मद नहीं = अधिकार पाकर व्यक्ति घमंडी हो जाता है
89. मेंढकी को जुकाम = अपनी औकात से ज्यादा नखरे
90. शौक़ीन बुढिया चटाई का लहंगा = विचित्र शौक
91. सूरदास खलकारी का या चिदै न दूजो रंग = दुष्ट अपनी दुष्टता नहीं छोड़ता
92. तिरिया तेल हमीर हठ चढ़े न दूजी बार = दृढ प्रतिज्ञ लोग अपनी बात पे डटे रहते हैं
93. सौ सुनार की, एक लुहार की = निर्बल की सौ चोटों की तुलना में बलवान की एक चोट काफी है
94. भई गति सांप छछूंदर केरी = असमंजस की स्थिति में पड़ना
95. पुचकारा कुत्त सिर चढ़े = ओछे लोग मुहं लगाने पर अनुचित लाभ उठाते हैं
96. मुहं में राम बगल में छुरी = कपटपूर्ण व्यवहार
97. जंगल में मोर नाचा किसने देखा = गुण की कदर गुणवानों के बीच ही होती है
98. चट मंगनी पट ब्याह = शुभ कार्य तुरंत संपन्न कर देना चाहिए
99. ऊंट बिलाई लै गई तौ हाँजी-हाँजी कहना = शक्तिशाली की अनुचित बात का समर्थन करना
100. तीन लोक से मथुरा न्यारी = सबसे अलग रहना
हिंदी महीनो के नाम - Name of months according to Hindi Calender
हिंदी महीनो के नाम - Name of months according to Hindi Calender
1 | चैत्र या चैत | Chaitra | March–April | 30 / 31 |
2 | वैशाख या बैसाख | Vaisakha | April–May | 31 |
3 | जेष्ठ या जेठ | Jyeshtha | May–June | 31 |
4 | आषाढ़ या आसाढ़ | Aashaadha | June–July | 31 |
5 | श्रवण या सावन | Shraawan | July–August | 31 |
6 | भाद्रपद या भादो | Bhadrapad | August–September | 31 |
7 | आश्विन या आिसन | Ashvin | September–October | 30 |
8 | कार्तिक या कातिक | Kartik | October–November | 30 |
9 | अग्रहण या अगहन | Aghrahaayan | November–December | 30 |
10 | पौष या पूस | Paush | December–January | 30 |
11 | माग॔शीष॔ या माघ | Magh | January–February | 30 |
12 | फाल्गुन या फागुन | Phalgun | February–March | 30 |
दिनों के नाम हिंदी में [Name of days in Hindi]
हिंदी | English | Phonetic |
सोमवार | Monday | Somvaar |
मंगलवार | Tuesday | Mangalvaar |
बुधवार | Wednesday | Budhvaar |
ब्रहस्पतिवार | Thursday | Braspativaar |
शुक्रवार | Friday | Shukrvaar |
शनिवार | Saturday | Shanivaar |
रविवार | Sunday | Ravivaar |
विशेष टिप्पणी - कुछ व्यक्ति ब्रहस्पतिवार को गुरूवार के नाम से बुलाते है, लेकिन दोनों का मतलब एक ही है।
ब्रहस्पतिवार का दिन भगवान् विष्णु और देवताओं के गुरु ब्रहस्पति जी को समर्पित है, इसलिए कुछ लोग इसे गुरूवार के नाम से भी जानते है।
Special Note - Some people called Guruvaar instead of Braspativaar but meaning of both word is same.
हम आपको आगे के पाठों में बताएँगे, जब हम ग्रहों के बारे में जानेंगे।
We'll tell you in future post when we'll talk about planets.
धन्यवाद [Thank You]
ब्रहस्पतिवार का दिन भगवान् विष्णु और देवताओं के गुरु ब्रहस्पति जी को समर्पित है, इसलिए कुछ लोग इसे गुरूवार के नाम से भी जानते है।
Special Note - Some people called Guruvaar instead of Braspativaar but meaning of both word is same.
हम आपको आगे के पाठों में बताएँगे, जब हम ग्रहों के बारे में जानेंगे।
We'll tell you in future post when we'll talk about planets.
धन्यवाद [Thank You]
रंगों के नाम हिंदी में - Colors Name in Hindi
नमस्ते
जानिये रंगों के नाम हिंदी में - Know Color Name in Hindi
धन्यवाद
जानिये रंगों के नाम हिंदी में - Know Color Name in Hindi
Hindi | English | Phonetic | Color |
लाल | Red | Lal | |
हरा | Green | Hara | |
नीला | Blue | Neela | |
पीला | Yellow | Peela | |
काला | Black | Kala | |
सफ़ेद | White | Safed | |
नारंगी | Orange | Narangi | |
खाकी | Khaki | Khaki | |
सुनहरा | Golden | Sunahara | |
बैंगनी | Purple | Bangni | |
भूरा | Brown | Bhura | |
गुलाबी | Pink | Gulabi | |
मैरुन | Maroon | Brownish-crimson | |
स्लेटी | Grey | Sleti | |
चमकीला | Bright | Chamkeela | |
कत्थई | Carrot Color | Kathai |
धन्यवाद
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