एक दिन बिक जाएगा - Ek Din Bik Jaega (Mukesh)
Movie/Album: धरम करम (1975)
Music By: आर. डी. बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मुकेश
इक दिन बिक जायेगा , माटी के मोल
जग में रह जाएंगे , प्यारे तेरे बोल
दूजे के होंठो को , देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़ , फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक ....
अनहोनी पथ में काँटे लाख बिछाए
होनी तो फिर भी बिछड़ा यार मिलाए
ये बिरहा , ये दूरी , दो पल की मज़बूरी
फिर कोई दिलवाला काहे को घबराये
धारा तो बहती है, बहके रहती है
बहती धारा बन जा , फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक ....
परदे के पीछे बैठी साँवली गोरी
थाम के तेरे मेरे , मन की डोरी
ये डोरी ना छूटे , ये बन्धन ना टूटे
भोर होने वाली है अब रैना है थोड़ी
सर को झुकाए तू , बैठा क्या है यार
गोरी से नैना जोड़ , फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक ....
Movie/Album: धरम करम (1975)
Music By: आर. डी. बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मुकेश
इक दिन बिक जायेगा , माटी के मोल
जग में रह जाएंगे , प्यारे तेरे बोल
दूजे के होंठो को , देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़ , फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक ....
अनहोनी पथ में काँटे लाख बिछाए
होनी तो फिर भी बिछड़ा यार मिलाए
ये बिरहा , ये दूरी , दो पल की मज़बूरी
फिर कोई दिलवाला काहे को घबराये
धारा तो बहती है, बहके रहती है
बहती धारा बन जा , फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक ....
परदे के पीछे बैठी साँवली गोरी
थाम के तेरे मेरे , मन की डोरी
ये डोरी ना छूटे , ये बन्धन ना टूटे
भोर होने वाली है अब रैना है थोड़ी
सर को झुकाए तू , बैठा क्या है यार
गोरी से नैना जोड़ , फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक ....