एक ही तो सपना था मेरा
आज वो भी टूट गया
जबसे होश संभाला
एक तेरा ही हाथ थामा
हर मोड़ हर पड़ाव से माँगा
गर तू है मंजिल तो परवाह नही कितना है फासला
न जाने कब आ खड़ा हुआ में इस जगह
न जाने किस पल तेरा हाथ छूट गया
एक ही तो सपना था मेरा
आज वो भी टूट गया।।
हर कदम साथ चले
हर जन्नत साथ जिए
हर जीत हर हार
हर डोर हर तार
हर दिवाली हर पतंग
ईद हो या होली के रंग
न जाने कब किस्मत का सिक्का पलटा
न जाने किस पल तू मुझे भूल गया
एक ही तो सपना था मेरा
आज वो भी टूट गया।।
हर राह चुनी मैने तेरे साथ के लिए
अरसा बीत गया आज खुद के लिए कुछ किये
मेरा हर सवाल हर जवाब जुड़ा था तुझसे
अरसा बीत गया आज बात किये खुदसे
जब छुटा आज साथ तेरा
दिखा मुझे अक्स मेरा
न दुखी है मन न दिल पर कोई निशानी है
ये कहूँ आज तो झूठी कहानी है
मुझमे फर्क है सिर्फ लिबास का
आज भी सांस तुझसे ही आती है
तेरा ही नाम है हर नस में
धड़कन गीत तेरे ही गाती है
न जाने कब बीत गए ये बारह साल
न जाने किस पल सब कुछ लुट गया
एक ही तो सपना था मेरा
आज वो भी टूट गया।।