हम लाए हैं तूफान से - Hum Laaye Hain Toofan Se (Md. Rafi, Jagriti)
Movie/Album: जागृति (1954)
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: प्रदीप
Performed By: मो. रफी
पासे सभी उलट गए दुसमन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के
हम लाये हैं तूफान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
देखो कहीं बरबाद ना होए ये बगीचा
इसको ह्दय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के
इस देश को ……
दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता
मंजिल तुम्हारी दूर है, लम्बा है रास्ता
भटका ना दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के
इस देश को ……
ऐटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर कदम उठाना जरा देख भाल के
इस देश को ……
आराम की तुम भूल भुलइया में ना भूलो
सपनों के हिंडोलों पे मगन हो के ना झूलो
अब वक़्त आ गया मेरे हँसते हुए फूलो
उठो छलाँग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन पे तिंरगा उछाल के
इस देश को ……
Movie/Album: जागृति (1954)
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: प्रदीप
Performed By: मो. रफी
पासे सभी उलट गए दुसमन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के
हम लाये हैं तूफान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
देखो कहीं बरबाद ना होए ये बगीचा
इसको ह्दय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के
इस देश को ……
दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता
मंजिल तुम्हारी दूर है, लम्बा है रास्ता
भटका ना दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के
इस देश को ……
ऐटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर कदम उठाना जरा देख भाल के
इस देश को ……
आराम की तुम भूल भुलइया में ना भूलो
सपनों के हिंडोलों पे मगन हो के ना झूलो
अब वक़्त आ गया मेरे हँसते हुए फूलो
उठो छलाँग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन पे तिंरगा उछाल के
इस देश को ……
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